केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों ने आज दोपहर 12:00 बजे से 4:00 बजे तक देशभर में रेल रोको आंदोलन शुरू किया. इस आंदोलन का सबसे ज्यादा असर रेल यात्रियों पर दिखा.समय पर गाड़ियां नहीं चलने से यात्रियों को काफी असुविधा हुई. उत्तर बंगाल में सिलीगुड़ी, जलपाईगुड़ी ,कूचबिहार, अलीपुरद्वार,मालदा आदि इलाकों में माकपा और कांग्रेस ने संयुक्त अभियान चलाकर रेल आवागमन को ठप कर दिया .वामपंथी तथा कांग्रेसी सदस्यों ने अलीपुरद्वार,कूचबिहार, मालदा ,एनजेपी इलाके में रंगापानी आदि कई स्थानों पर रेल रोकी और पटरियों पर धरना दिया. अपने हाथों में लाल झंडे लेकर माकपा के लोगों ने कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए केंद्र की मौजूदा सरकार के खिलाफ नारे लगाए.
अनेक स्थानों पर कार्यकर्ताओं ने रेल की पटरियों पर धरना दिया, जिसके कारण कई स्पेशल श्रमिक गाड़ियों को स्टेशन पर घंटों रोक कर रखा गया. इनमें सियालदह ,न्यू अलीपुरद्वार एक्सप्रेस भी शामिल है. कांग्रेस और माकपा के कार्यकर्ता रेल के इंजन पर चढ़ गए और नारे लगाने लगे. काफी देर तक कार्यकर्ताओं का हंगामा जारी रहा. इसके बाद आरपीएफ और राज्य पुलिस ने मौके पर पहुंचकर विरोध कर रहे लोगों को समझाया और वहां से हटाया. इसके पश्चात रेलगाड़ियों का परिचालन हो सका. रेलवे सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रेल रोको आंदोलन के चलते कई स्थानों पर रेलगाड़ियां देरी से चल रही हैं. भारतीय किसान यूनियन के आज रेल रोको कार्यक्रम का उद्देश्य रेल यात्रियों को परेशान करना नहीं था. किसान संगठन सांकेतिक रूप से ही इसका पालन करने वाले थे. देश के कई इलाकों में ऐसा हुआ भी है, जबकि पश्चिम बंगाल में वामपंथी और कांग्रेस जैसे राजनीति दलों के आंदोलन में कूद जाने से उत्तर बंगाल में रेल यात्रियों को काफी परेशानी हुई है.