कूच बिहार के रास मेले के बाद अब सिलीगुड़ी में भी शिल्पी हाट को सरकार ने हरी झंडी दे दी है. कोरोना के चलते हाट और मेला के आयोजन पर प्रतिबंध लगाया जा चुका था. लेकिन अनलॉक होते ही एक पर एक सरकार ने उन सभी चीजों को खोलना शुरू कर दिया है जो अब तक लोगों की पहुंच से दूर थे. इसी कड़ी में सिलीगुड़ी संलग्न कवाखाली स्थित बांग्ला शिल्पी हाट है, जो कोरोना के मद्देनजर कड़ी सुरक्षा और प्रशासनिक गाइडलाइंस के तहत खुल चुका है.
विश्व बांग्ला हाट का उद्घाटन 25 तारीख को हो चुका है.यह मेला 14 दिसंबर तक चलेगा. सुबह 8:00 बजे से लेकर रात्रि 8:00 बजे तक चलने वाले इस मेले में आप कलाकारों की स्वदेशी महक और कृतियों का दीदार कर सकते हैं. व्यवसायिकता की अंधी दौड़ में एक ओर इंसान के पास वक्त की कमी और कला के प्रति अरुचि दिख रही है, तो दूसरी ओर स्वदेशी कृतियों और हस्त कलाकारी के प्रशंसकों की भी यहां कमी नहीं है. हाथ से बनी आकृति दिल को छूती है. जो कला के प्रेमी होते हैं, वही कलाकार की भावना को समझते भी हैं. ऐसे ही कला प्रेमियों से कलाकारों की जीविका और उनका सम्मान बढ जाता है.
आप कावा खाली स्थित बांग्ला शिल्पी हाट में सुंदर मजबूत और उत्कृष्ट देसी वस्तुओं की खरीदारी कर के कलाकारों की मेहनत को सार्थक सिद्ध कर सकते हैं. हस्तशिल्पकारों के प्रति सम्मान और उनकी जीविका की चिंता करते हुए ही सरकार ने हाट खोलने का फैसला किया. अभी इस मेले के दो-तीन दिन हुए हैं. लेकिन इसका आकर्षण देखते बनता है. अब तक लगभग 40 स्टाल लग चुके हैं. अगर आप इस मेले में आना चाहते हैं, तो मास्क पहनकर ही मेले परिसर में जा सकते हैं.यह अनिवार्य है. हालांकि मेले में खास भीड़ नहीं है. फिर भी कलाकारों के प्रति सम्मान जताने के लिए लोग खरीदारी भी कर रहे हैं. इससे कलाकारों का हौसला बढ़ रहा है.