केंद्र और राज्य सरकार का टकराव पश्चिम बंगाल में कोई नई बात नहीं है. शुरू से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का 36 का आंकड़ा रहा है. योजनाओं में भी यह देखा जा रहा है. इसका ताजा उदाहरण जल जीवन मिशन और जल श्री योजना है.भारत सरकार ने 2024 तक भारत के प्रत्येक नागरिक को जल पाइप द्वारा पहुंचाने के मकसद से जल जीवन मिशन योजना शुरू की है, तो ठीक इसी तर्ज पर पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जल श्री योजना शुरू की है.दोनों ही योजनाएं जल संरक्षण पर आधारित हैं. सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जल श्री योजना की घोषणा करते हुए कहा कि राज्य का कोई भी व्यक्ति अगर वह जलसंपदा का संरक्षण करता है, तो उसको सम्मानित किया जाएगा.उन्होंने कहा कि जल श्री योजना को 100 दिन रोजगार योजना के साथ जोड़ने की कवायद की जा रही है.
मालूम हो कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहले ही राज्य में जल संकट के बचाव में जल बचाओ आंदोलन से लेकर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का आगाज कर चुकी है.जल श्री योजना के तहत नदी, तालाब, कुआं, झड़ना,झील जैसे जल स्रोतों का संरक्षण, उसका नवीकरण और विभिन्न जल स्रोतों का कायाकल्प किया जाएगा.