कोलकाता, 26 नवंबर । पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच टकराव चरम पर पहुंचने लगा है। टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने तृणमूल भवन में संवाददाता सम्मेलन कर धनखड़ को चेतावनी देते हुए कहा कि उनके खिलाफ फौजदारी का मामला दर्ज करना उचित होगा। भ्रष्टाचार और प्रताड़ना के आरोप में गिरफ्तार गोविंद अग्रवाल और सुदीप्त राय चौधरी की गिरफ्तारी को लेकर राज्यपाल ने ट्विटर पर सवाल खड़ा किया था। इसी को लेकर कल्याण बनर्जी ने कहा कि कोलकाता पुलिस को राज्यपाल के खिलाफ फौजदारी का मामला करना उचित होगा। बनर्जी ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय से जानकारी मिलने के बाद गोविंद अग्रवाल के खिलाफ कोलकाता पुलिस ने कार्रवाई की है और उनके पास से 3.88 करोड रुपये बरामद किया है। उसके अलावा सुदीप्त राय चौधरी ने भी रोजवैली के कर्मचारी से 2 करोड़ रुपये लिए थे। मानव और पशु तस्करी में भी वह शामिल रहा है। ईडी ने उसके खिलाफ फर्जी दस्तावेज तैयार करने का आरोप विधान नगर थाने में जमा कराया था। ऐसे व्यक्ति के साथ राज्यपाल खड़े होकर पुलिस को धमकी दे रहे हैं। कल्याण ने कहा कि ट्विटर के जरिए जांच को प्रभावित करने की कोशिश हो रही है। जांच को रोकने की हरसंभव कोशिश राज्यपाल की ओर से हो रही है। आखिर क्यों राज्यपाल ऐसा कर रहे हैं? आखिर क्यों वह कोलकाता और बिधाननगर पुलिस को धमकी दे रहे हैं? इसके बाद कल्याण बनर्जी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी से जुड़े अपराधियों और अन्य भ्रष्टाचारियों के साथ राज्यपाल का संपर्क है। उन्होंने कहा कि चाहे कोई भी हो अगर वह फौजदारी मामले में जांच को प्रभावित करने की कोशिश प्रत्यक्ष या परोक्ष तौर पर करता है तो उसके खिलाफ दंड विधान की धारा 186 और 189 के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए। राज्यपाल भी इसी तरह से कर रहे हैं। कल्याण ने कहा कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ ट्विटर के जरिए कोलकाता पुलिस अधिकारियों को डरा रहे हैं। इसलिए उनके खिलाफ दंड विधान की धारा 189 के तहत मामला किया जाना चाहिए। कोई भी सरकारी कर्मचारी अथवा संवैधानिक प्रमुख अपने पद का दुरुपयोग करते हैं तो उनके खिलाफ धारा 189 के तहत मामला दर्ज करने के लिए किसी अनुमति की जरूरत नहीं होती। इसलिए मैं कोलकाता पुलिस से अनुरोध करूंगा कि राज्यपाल के खिलाफ धारा 189 के तहत मामला दर्ज करें।
तृणमूल के आरोप पर राज्यपाल ने कहा : मुख्य मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश
अपराधियों के साथ सांठगांठ और जांच प्रक्रिया को बाधित करने के तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने दिया है। गुरुवार को बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि राज्यपाल के खिलाफ फौजदारी का मामला दायर होना चाहिए। इस पर बयान जारी कर राज्यपाल ने कहा है कि उन्होंने संविधान की रक्षा की शपथ ली है और जब राज्य के लोग मुश्किल में रहें तब वह राजभवन में सीमित नहीं रह सकते। राज्यपाल ने कहा है कि सत्तारूढ़ पार्टी जानबूझकर ऐसा बयान दे रही है ताकि राज्य में लगातार बिगड़ती कानून व्यवस्था, बेरोजगारी और किसानों की समस्याओं से ध्यान भटकाया जा सके लेकिन इसमें वह सफल नहीं होगी। अपने बयान में राज्यपाल ने कहा कि बंगाल में कानून व्यवस्था बिल्कुल बीमार हो चुकी है और इसके खिलाफ वह लगातार मुखर रहेंगे। अपने बयान में राज्यपाल ने कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 159 के तहत उन्होंने लोगों के अधिकारों की रक्षा की शपथ ली है और इसके प्रति प्रतिबद्ध हैं। गवर्नर ने कहा है कि पश्चिम बंगाल सरकार की ओछी मानसिकता की वजह से अब तक बंगाल के किसानों को 84 साल करोड़ों रुपये का नुकसान हो चुका है। बंगाल में रहने वाले 70 लाख किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से वंचित हैं। उनके खाते में ₹12000 रुपये का सालाना अनुदान नहीं मिल रहा है क्योंकि सरकार ने उनकी सूची ही नहीं भेजी। राज्यपाल ने कहा कि बंगाल में लोगों के मानवाधिकार रक्षा के लिए वह लगातार काम करेंगे। वह किसी से डरते नहीं हैं और किसी भी धमकी का उन पर कोई असर होने वाला नहीं है।