पक्षी, पेड़ पौधे प्रकृति की एक-एक वस्तुएं जीवन जीने की कला सिखाती है. लेकिन लोग कभी इस ओर ध्यान नहीं देते. इंसान अपनी ही समस्याओं में उलझता जा रहा है. उसके पास वक्त नहीं है प्रकृति से बातें करने का. अपनी ही शुद्र समस्याओं में उलझा इंसान पेड़ पौधों और पक्षियों की ऊर्जा को अपने जीवन में उतारना नहीं चाहता. इसलिए वह दुखी है और भविष्य के लिए चिंतित भी. समस्याएं मनुष्य का कभी पीछा नहीं छोड़ सकती. जन्म लेने के साथ ही समस्याओं के जाल में इंसान घिरता जाता है.कभी रोजी-रोटी की चिंता,तो कभी बीमारी की, तो कभी सामाजिकता की समस्या, ऐसा इसलिए कि इंसान प्रकृति से लगातार दूर होता जा रहा है.
आज पूरे देश में कोरोना की महामारी ने लोगों की जिंदगी नर्क बना कर रख दी है. अगर आप पक्षियों को गौर से देखना शुरू कर दें तो ऐसी समस्याओं से भी मुक्ति मिलनी शुरू हो जाएगी. पक्षियों को भविष्य की चिंता नहीं होती. आमतौर पर पक्षी वर्तमान में जीते हैं जबकि मनुष्य वर्तमान में जीता है, लेकिन भविष्य की चिंता करता है. पक्षी हमें सिखाते हैं कि हम वर्तमान में जिए और भविष्य की चिंता ना करें, क्योंकि भविष्य हमारे हाथ में नहीं है. संत महात्मा भी अपने प्रवचनों में इस बात को लगातार दोहराते रहे हैं.
कोरोनावायरस से मुकाबला करने के लिए वर्तमान में जीने की आदत डालनी होगी. अगर आप ऐसा करते हैं तो आपके शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी और इस बीमारी से आप जल्दी ही निवृत्त हो जाएंगे. प्रकृति का यह तत्व हर काल और परिस्थितियों में संगत और ऊर्जा से ओतप्रोत है.पक्षी हमें यह भी सिखाते हैं कि हम जहां भी रहें, पूरी सावधानी के साथ अपनी क्रिया करते रहें. अगर corona के प्रति हम पूरी सावधानी रखें तो यह महामारी हमारा कुछ नहीं बिगाड़ पाएगी. पक्षी हमें यह भी सिखाते हैं कि आपके दोस्त और दुश्मन आपके आसपास में ही हैं. दोस्त के साथ व्यवहार और दुश्मन से दूरी पक्षी की विशेषता होती है.इस विशेषता को अगर इंसान अपने जीवन में उतार ले तो वह सब जगह सुरक्षित महसूस करेगा. सुबह सवेरे आप बाग में चले जाएं. अपने आसपास की एक-एक की चीजों पर गौर करें. आप उनसे जीवन जीने की कला सीख सकते हैं. फिर corona से क्या डरना…तो आज से आप प्रकृति प्रेमी बन जाएं और पक्षियों की चहल-पहल का लुफ्त उठाना शुरू कर दें..