पश्चिम बंगाल में 2016 के विधानसभा चुनाव तथा 2019 के लोकसभा चुनाव की भांति ही इस बार भी 2021 के चुनाव 7 चरणों में कराए जाने के संकेत मिल रहे हैं. पूरा चुनाव संपन्न होने में एक महीना का समय लग सकता है. राज्य में बूथों की संख्या बढ़ाई जा रही है,साथ ही केंद्रीय सुरक्षा बलों की अधिक से अधिक तैनाती भी होने वाली है.
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण व निष्पक्ष हो सके, इसके लिए केंद्रीय चुनाव आयोग के अधिकारी राज्य चुनाव आयोग के साथ मिलकर लगातार कवायद करने में जुटे हैं. केंद्रीय उप चुनाव आयुक्त सुदीप जैन एक बार फिर 12 अथवा 13 जनवरी को कोलकाता आ रहे हैं. वे इससे पहले दिसंबर महीने के दूसरे सप्ताह में बंगाल आए थे. उनके निर्देश के बाद बंगाल में निर्वाचन प्रक्रिया के सभी पहलुओं की तैयारी शुरू कर दी गई है. इस समय पूरे प्रदेश में मतदाता सूची तैयार करने का काम जोरों से चल रहा है. चुनाव आयोग के निर्देश के अनुसार 15 जनवरी को राज्य भर में नई संशोधित मतदाता सूची जारी कर दी जानी है.
सूत्रों से पता चलता है कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव 7 चरणों में कराए जा सकते हैं. सूत्र बता रहे हैं कि केंद्रीय चुनाव आयोग ने राज्य चुनाव आयोग को स्पष्ट रूप से बता दिया है कि बंगाल का चुनाव विशेष होने के कारण यहां शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और समय पर मतदान हो सके, मतदाता बूथ पर पहुंच सके, इसके लिए राज्य भर में 7 चरणों में चुनाव कराए जा सकते हैं. पश्चिम बंगाल में चुनाव पर हिंसा कोई बड़ी बात नहीं है. चुनाव आयोग चाहता है कि लोग निर्भीक होकर मतदान कर सकें, साथ ही शांतिपूर्ण मतदान हो सके. इसके लिए ही मंथन शुरू हो गया है. केंद्रीय चुनाव आयोग राज्य चुनाव आयोग के साथ मिलकर इस बार सुरक्षा के व्यापक प्रबंध करने जा रहा है. बूथों पर केंद्रीय बलों की तैनाती के साथ-साथ सुरक्षा की जिम्मेवारी अधिक से अधिक केंद्रीय कंपनियों के हाथों में दी जाएगी.
पश्चिम बंगाल में विपक्षी पार्टियां शुरू से ही मतदान के समय केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग करती आ रही हैं. जिस तरह से चुनाव की तैयारी की जा रही है, ऐसा लगता है कि इस बार चुनाव आयोग विपक्षी पार्टियों की शिकायत का निवारण करने के पक्ष में दिख रहा है. इस समय पश्चिम बंगाल में 77000 बूथ हैं. सूत्र बता रहे हैं कि चुनाव आयोग इस बार कोरोना के मद्देनजर तथा शांतिपूर्ण चुनाव के लिए लगभग 28,000 अतिरिक्त चुनाव केंद्रों को बढ़ा सकता है. यानी राज्य भर में बूथों की कुल संख्या 100000 हो सकती है. 7 चरणों में चुनाव कराने से धांधली और हिंसा की शिकायत कम से कम मिलेगी. सूत्रों ने बताया कि राज्य विधानसभा चुनाव की संपूर्ण प्रक्रिया 1 महीने में समाप्त हो जाएगी यानी बंगाल में विधानसभा चुनाव संपन्न होने में एक महीना लग सकता है.