प्रमोद कुमार मिश्रा: सिलीगुड़ी:
पू.सी. रेल में विद्युतीकरण कार्यों में तेजी आई है। इस संबंध में पूर्वोत्तर सीमा रेलवे के महाप्रबंधक अंशुल गुप्ता ने 14 जुलाई, 2021 को कोर तथा आरवीएनएल के प्रतिनिधियों, सभी मंडल रेल प्रबंधकों एवं पू.सी. रेल मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा एक समीक्षा बैठक की। बैठक में, पू.सी. रेल के क्षेत्र में चालू रेलवे विद्युतीकरण कार्यों के संबंध में विभिन्न पहलुओं तथा कार्य को समय पर पूरा करने के लिए उठाए गये कदमों पर विस्तृत चर्चा की गई।
वर्तमान रेलवे विद्युतीकरण कार्य में पू.सी. रेलवे ने 2020-21 में रानीनगर जलपाईगुड़ी-गुवाहाटी के बीच विभिन्न खण्डों में 334 रूट किमी. विद्युतीकरण कार्य को सफलतापूर्वक पूरा किया। इस खण्ड में शेष कार्य निष्पादन के विभिन्न चरणों में है और इस वर्ष तक पूरा होने का अनुमान है। असम के श्रीरामपुर – न्यू बंगाईगाँव तथा कामाख्या-गुवाहाटी खण्डों के बीच रेल विद्युतीकरण कार्य अग्रिम चरण में है और इस वर्ष अगस्त तक इलेक्ट्रिक लोको ट्रायल होने का अनुमान है।
न्यू बंगाईगाँव-जोगीघोपा में रेलवे विद्युतीकरण कार्य पूरा हो गया है और इस खण्ड में सीआरएस निरीक्षण की प्रतीक्षा है। इसी प्रकार, कोलाईग्राम-गुमानीहाट (दूसरी लाइन) खण्ड अगस्त, 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य है। न्यू जलपाईगुड़ी-सिलीगुड़ी एवं न्यू गुवाहाटी-डिगारु-जागीरोड खण्ड इस वर्ष सितम्बर तक पूरा करने का लक्ष्य है। इसके अलावा, जोगीघोपा-दुधनई, दुधनई-कामाख्या, जागीरोड-होजाई, चापरमुख-सिलघाट टाउन तथा सेनचोवा-मैराबारी के बीच रेलवे विद्युतीकरण कार्य दिसम्बर, 2021 तक पूरा करने का अनुमान है। होजाई-लामडिंग एवं कटिहार-पूर्णिया खण्ड में रेलवे विद्युतीकरण कार्य शुरू हो गया है और निष्पादन के विभिन्न चरणों में है, जो मार्च 2022 तक पूरा होने का अनुमान है।
हाल ही में दोहरीकरण के साथ द्वितीय लाइन के लिए, जलपाईगुड़ी रोड-वाई-लेग खण्ड को 30 जून 2021 तथा बेतगारा-कोलाईग्राम खण्ड को 1 जुलाई, 2021 को सीआरएस अनुमोदन मिल गई है, जो कि पू.सी. रेलवे का सबसे व्यस्ततम खण्ड है। पूर्व में, मार्च 2021 के दौरान, न्यू कोचबिहार-श्रीरामपुर (असम), बंगाईगाँव-रंगिया एवं रंगिया-कामाख्या खण्ड के लिए सीआरएस निरीक्षण किया गया था।
इसके साथ ही पूर्वोत्तर का गेटवे गुवाहाटी आने एवं जाने के लिए इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन के साथ ट्रेनों के संचालन की पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोगों की लम्बे समय से चली आ रही मांग को रेलवे पूरा करने के बहुत नजदीक पहुंच गया है। इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन के साथ ट्रेनों के परिचालन से भारत के अन्य क्षेत्रों से पूर्वोत्तर राज्यों को निर्बाध रेलवे कनेक्टिविटी मिलेगी तथा यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक वरदान होगा।