यह तो होना ही था. जिस तेजी से देश में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है, उसके हिसाब से स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमराती जा रही हैं. राज्यों में ऑक्सीजन की कमी, अस्पतालों में बेड की कमी, जीवन रक्षक दवाओं का अभाव, वेंटिलेटर का अभाव इत्यादि ऐसे कारण रहे, जहां राज्य सरकारों की अकल ठिकाने लग गई. कम से कम पिछले दो दिनों में दिल्ली में कोरोना संक्रमण की लंबी छलांग तथा स्वास्थ्य सुविधाओं के सर्वथा अभाव को देखते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पास इसके अलावा कोई चारा नहीं था कि वहां लॉकडाउन लगाया जाता.
महाराष्ट्र का उदाहरण सामने रखते हुए दिल्ली तथा राजस्थान की सरकारों ने समय से पहले ही संपूर्ण लॉक डाउन करने का फैसला कर लिया. दिल्ली में हालात की कई बार समीक्षा करने के बाद जब अरविंद केजरीवाल के हाथ में कुछ नहीं रहा, तब उन्होंने आज से संपूर्ण दिल्ली में लॉकडाउन लगाने का फैसला किया. राजस्थान सरकार ने भी महाराष्ट्र से सबक लेते हुए पूरे राज्य में लॉकडाउन लगा दिया.मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, पंजाब ,हरियाणा आदि राज्यों में नाइट कर्फ्यू जारी है. पर ऐसा लगता है कि इन राज्यों में भी जल्द ही संपूर्ण लॉकडाउन लग सकता है.
केंद्र सरकार ने राज्यों को परिस्थिति के अनुसार लॉकडाउन लगाने का अधिकार दे दिया है. ऐसे में राज्य सरकार स्वतंत्र हैं. उत्तर प्रदेश में संक्रमण दर लगातार बढ़ रही है. वहां भी स्वास्थ्य सुविधाएं चरमरा गई हैं.ऐसे में यह संभावना जताई जा रही है कि उत्तर प्रदेश में भी लॉकडाउन लगाया जा सकता है. पड़ोसी राज्य बिहार में नाइट कर्फ्यू जारी है. लेकिन अगर उत्तर प्रदेश में संपूर्ण लॉकडाउन लगता है तो बिहार में भी इसकी नौबत आ सकती है. पश्चिम बंगाल में भी हालात अच्छे नहीं हैं. यहां भी कोरोना ने अपना तांडव रूप दिखाना शुरू कर दिया है. 1 दिन में लगभग 7000 नए मामले सामने आ रहे हैं.
पश्चिम बंगाल में सिलीगुड़ी शहर एक बार फिर से 2020 की स्थिति में जाता प्रतीत हो रहा है.पिछले 24 घंटों में दार्जिलिंग जिले में 76 नए मामले सामने आए हैं, जबकि सिलीगुड़ी नगर निगम क्षेत्र में 66 नए मामले आए. 1 दिन पहले संख्या 150 से भी ऊपर पहुंच गई थी. कहने का मतलब यह है कि अब दार्जिलिंग में भी कोरोना ने सिर उठाना शुरू कर दिया है. कोरोना के खतरनाक विस्फोटक स्वरूप को देखते हुए हो सकता है कि चुनाव के बाद यहां भी संपूर्ण लॉकडाउन की नौबत आ जाए. इस तरह से यह आशंका व्याप्त होती जा रही है कि कहीं संपूर्ण देश लॉक डाउन का शिकार ना हो जाए.