जी हां, सिलीगुड़ी में रात्रि 9 बजे के बाद सिलीगुड़ी की सड़कों पर तेज रफ्तार वाहन जाते देखकर ऐसा लगता है कि आसमान से शक्तिमान वहां उतर आया है. खासकर नौजवान लड़के बाइक भगाते समय इसका भी ध्यान नहीं रखते कि लाल बत्ती है अथवा गली या चौराहे. उनमें एक स्पर्धा लग जाती है कि कौन सबसे आगे निकल सकेगा.
यह भी देखा जाता है कि ट्रैफिक नियमों का ध्यान न रखते हुए एक बाइक में तीन-तीन लड़के बैठकर अनोखे करतब का प्रदर्शन करते हैं. आगे बैठा बाइक सवार सड़क पर आरे तिरछे होकर जब बाइक चलाता है,तो देखने वाले दांतो तले उंगली दबा लेते हैं. उनका कलेजा मुंह को आने लगता है. क्योंकि इस समय सिलीगुड़ी की सड़कों के मुख्य चौराहों पर या तो ट्रैफिक पुलिस होती ही नहीं अथवा होती भी है तो निष्क्रिय सी पड़ी रहती है. इसका फायदा वाहन चालक उठाते हैं. वाहनों की तेज रफ्तार गति से कभी-कभी पैदल चलने वाले भी सहम जाते हैं और वे सड़क छोड़कर फुटपाथ पर चलने लगते हैं, क्या पता कोई वाहन उन्हें कुचलकर निकल जाए.
सिर्फ छोटे बड़े वाहनों की ही बात नहीं, शक्तिमान ट्रक जैसे वाहन भी तेज रफ्तार में बर्दवान रोड अथवा हिल कार्ट रोड पर चलते हैं,जिसके कारण पीछे वाले वाहनों को काफी असुविधा होती है. रात्रि के समय आमतौर पर ट्रैफिक नियमों का पालन कोई भी वाहन चालक नहीं करना चाहता और यही कारण है कि चौक चौराहों पर गुजरते समय एक पैदल व्यक्ति काफी डरा महसूस करता है. ऐसे ही वाहन चालक अथवा स्टंट दिखाने वाले बाइक सवार दुर्घटनाग्रस्त होते हैं तो प्रशासन पर भड़ास निकाली जाती है. जबकि ऐसे मामलों में स्वयं चालक को ही अपनी सावधानी रखने की जरूरत होती है.
सिलीगुड़ी ट्रैफिक पुलिस को भी ऐसे मामलों की जानकारी है लेकिन फिर भी इन स्टंट बाजों को पकड़ने की उनकी ओर से कोई कोशिश नहीं की जाती. जीवन मूल्यवान है. जीवन की सुरक्षा करके ही व्यक्ति अपनी शक्ति व ऊर्जा का सही इस्तेमाल कर सकता है. जो वाहन चालक शराब पीकर अथवा स्टंट दिखाते हुए सिलीगुड़ी की सड़कों पर गाड़ी भगाते हैं, उन्हें याद रखना चाहिए कि घर में उनका कोई ना कोई इंतजार कर रहा होता है.