कोरोना ने भारत की ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया का इतिहास और भूगोल दोनों ही बदल दिया है. भारत में पर्यटन,ऐतिहासिक धरोहर, स्मारक, मंदिर के बाद अब वैष्णो देवी यात्रा को भी बंद कर दिया गया है. भारत सरकार देश के लोगों को एक स्थान पर भीड़-भाड़ से बचाने के लिए यह सारे कदम उठा रही है. कोरोना को लेकर लोगों में आतंक इस कदर हावी है कि उन्होंने घर से बाहर निकलना बंद कर दिया है. प्लेन और ट्रेन की यात्रा स्थगित कर दी है. जिस तेजी से ट्रेनों में सीटों की बुकिंग कैंसिल कराई जा रही है, रेलवे को 1 दिन में करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है. कई जोड़ी लंबी दूरी की ट्रेनें भारतीय रेलवे ने स्थगित कर दी है.अब रेलवे प्लेटफार्म पर लोगों की अनावश्यक भीड़ कम करने के लिए भारतीय रेलवे ने प्लेटफॉर्म टिकट ₹10 से बढ़ाकर ₹50 तक कर दिया है.
सिलीगुड़ी जंक्शन हो या एनजेपी रेलवे स्टेशन,अगर आप अपने किसी परिचित को लेने जा रहे हैं तो रेलवे प्लेटफार्म टिकट के लिए ₹50 प्रति टिकट खर्च करना होगा. भारतीय रेलवे की ओर से टिकट के मूल्य में वृद्धि का कारण कोरोना बताया गया है.विशेषज्ञों ने बताया है कि कोरोना से बचाव के लिए यह जरूरी है कि लोग अधिक से अधिक समय तक घरों में ही रहें. भीड़ ना करें.
इसी मंत्र के तहत भारत सरकार राज्य सरकारों के साथ मिलकर कोरोना से निबटने की तैयारी कर रही है. सिलीगुड़ी में महामारी से बचाव के लिए मेयर अशोक भट्टाचार्य ने शहरवासियों के बीच लीफलेट का वितरण करवाया है. अशोक भट्टाचार्य ने सभी 47 वार्डों के पार्षदों को अपने अपने इलाके में जाकर जागरूकता अभियान चलाने का अनुरोध किया है. इसके लिए अलग से 15 लाख रुपये का बजट तैयार किया गया है.
सिलीगुड़ी के प्रसिद्ध इस्कॉन मंदिर, बंगाल सफारी, सिलीगुड़ी पार्क तथा साइंस सेंटर को पहले ही बंद कर दिया गया है.क्योंकि इन स्थानों पर प्रायः भीड़ होती है. कल तक यह स्थिति थी कि शहर के सिनेमाघरों के बंद कराने की बात हो रही थी,अब 31 मार्च तक सिलीगुड़ी तथा आसपास के सभी पार्क तथा सिनेमाघर बंद रहेंगे.
कोरोना से बचाव के लिए पूर्वोत्तर सीमा रेलवे ट्रेन के सभी कोचो तथा रेल परिसरों में व्यापक रूप से सफाई अभियान चला रहा है. आलम यह है कि इस समय पूरे देश में एक विचित्र सन्नाटा है. सब मौसम में गुलजार रहने वाला सिलीगुड़ी शहर दहशत के आलम में जी रहा है.