कोलकाता, 06 जून । 2019 के लोकसभा चुनाव में हुई करारी मात से सबक लेते हुए तृणमूल सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी पार्टी के नेताओं को किसी भी तरह से भ्रष्टाचार से दूर रहने की नसीहत दी है। राज्य सचिवालय नवान्न में दो ड्राइवरों के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद सचिवालय को 48 घंटे के लिए बंद कर दिया गया है। ऐसे समय में सीएम ने अपनी पार्टी के सांसदों, विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ विशेष बैठक की है। खबर है कि 2021 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए यह बैठक काफी महत्वपूर्ण है। सीएम ने 2021 के चुनाव को ध्यान में रखते हुए लोगों के बीच जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। उन्होंने यह भी कह दिया है कि चक्रवात और महामारी के समय आपदा को लेकर किसी भी तरह से राजनीति नहीं की जानी है। इसके साथ ही लोगों के बीच राहत सामग्री वितरण अथवा कोरोना पीड़ितों के बीच राशन वितरण में किसी भी तरह से भ्रष्टाचार करने वाले नेताओं के खिलाफ सख्त सांगठनिक कार्रवाई होगी बल्कि प्रशासनिक कार्रवाई भी की जाएगी। यानी कुल मिलाकर अपनी पार्टी के नेताओं को ईमानदारी बरतने और लोगों के बीच अपनी छवि साफ सुथरा करने की नसीहत दी है।
सूत्रों के हवाले से 2021 में कहा गया है कि ममता बनर्जी ने अपने पार्टी के नेताओं को राज्य सरकार की उपलब्धियों को लोगों के बीच रखने की सलाह दी है। किसी भी राहत और पुनर्वास कार्य का राजनीतिकरण नहीं करने को कहा है और राशन वितरण में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की चेतावनी दी है।
सूत्रों का कहना है, ममता बनर्जी ने अपनी पार्टी के नेताओं को यह भी निर्देश दिया है कि वे लोगों के बीच जाकर यह बात रखें कि अगर केंद्र सरकार राज्य सरकारों को विश्वास में लेकर लॉकडाउन की योजना बनाई होती, तो कोई संकट नहीं होता। लेकिन चूंकि यह जल्दबाजी में किया गया था, इसलिए प्रवासी श्रमिकों को वापस लाने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला। लेकिन अब जो लोग लौट आए हैं और अपने घरों को लौट रहे हैं, उन्हें सुरक्षित करना होगा। ममता ने अपनी पार्टी के नेताओं को मूल रूप से जनता से अधिक से अधिक जुड़ने का निर्देश दिया है। साथ ही फेक न्यूज़ के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभियान चलाने को कहा है।