कोरोना काल में पहली दुर्गा पूजा! हाथ तंग, जेब खाली! मगर पूजा है भारी! सिलीगुड़ी के कई क्लब वालों ने जनता की पीड़ा को समझते हुए इस बार लोगों से चंदा नहीं लेने का फैसला किया,तो वहीं कुछ क्लब वाले जनता से चंदा उठा ही रहे हैं,और तो और रात्रि में चलने वाले ट्रकों को अपना निशाना बना रहे हैं. खबर समय को मिली जानकारी के अनुसार चंपासारी से लेकर मिलन मोड़ तक कई ऐसे क्लब हैं, जो रात में चलने वाली इन गाड़ियों के चालकों को रोककर चंदा की रसीद पकड़ा देते हैं. ट्रक चालक चंदा दिए बगैर मजाल है कि वहां से आगे बढ़ सकें. ट्रक वालों से मिली जानकारी के अनुसार कम से कम ₹100 देने पर ही उनकी गाड़ी को आगे बढ़ने दिया जाता है. सूत्रों के अनुसार रात्रि 9:00 बजे के बाद आमतौर पर सड़कों पर शक्तिमान जैसे ट्रक चलते हैं. इन ट्रकों के अलावा बाहर से माल लदे भारी ट्रक भी सिलीगुड़ी आते हैं. उन ट्रकों को भी नहीं बख्शा जाता और उनसे जबरन चंदा वसूला जा रहा है.
मिलन मोड़, चंपा सारी में अधिकतर गरीब लोग निवास करते हैं, जिन्हें 2 जून रोटी की चिंता रहती है. स्थानीय लोगों ने बताया कि कुछ लोग अधिक चंदा की मांग करते हैं. नहीं देने पर भला बुरा कहते हैं.हालांकि यह भी सत्य है कि इस बार पहले के मुकाबले चंदा का बाजार ठंडा है और चंदा मांगने वाले पहले की तरह जोर-जबर्दस्ती नहीं कर रहे. लेकिन इसके बावजूद कुछ सिरफिरे किस्म के लोग चंदा के नाम पर लोगों को परेशान कर रहे हैं. इसके बारे में स्थानीय लोगों ने अपने कोऑर्डिनेटर को भी बताया है. लेकिन उनकी तरफ से भी कोई सहयोग नहीं किया जा रहा. सबसे परेशान यहां के ट्रक चालक हो रहे हैं.