ऐसा लगता है कि सिलीगुड़ी के दिन फिरने वाले हैं. इस शहर में क्या कुछ नहीं है.इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर शासन प्रशासन तथा बेहतर बुनियादी सुविधाएं, भौगोलिक क्षेत्र, अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से लगा हुआ शहर, जो स्वयं में बोलता भी है.परंतु आज भी सिलीगुड़ी दार्जिलिंग जिला के अंतर्गत है. कहीं ना कहीं सिलीगुड़ी को यही खटक रहा है कि उसकी स्वतंत्र पहचान नहीं है.
सिलीगुड़ी के लोगों का मानना है कि सिलीगुड़ी को अलग जिला बनाना चाहिए. सिलीगुड़ी को जिला बनाने की मांग समय-समय पर विभिन्न संगठनों के द्वारा की जाती रही है. किंतु राज्य सरकार ने इसको ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया. पर ऐसा लगता है कि सिलीगुड़ी शहर को जिला बनाया जा सकता है.ठीक उसी तरह से जैसे कालिमपोंग भी दार्जिलिंग से अलग होकर जिला बना था. आज मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने टाउन हॉल के नवनिर्मित भवन के उद्घाटन के अवसर पर अपना उद्गार व्यक्त किया था.
उन्होंने इस अवसर पर कहा कि राज्य में 27 जिले हैं. इनका विभाजन कर 46 करने पर सरकार विचार कर रही है.राज्य में बंगाल कैडर के सिविल सेवा अधिकारियों को आईएएस अधिकारियों के बराबर वेतन भत्ते बढ़ाने की घोषणा के अवसर पर उन्होंने यह बात कही थी. मुख्यमंत्री ने कहा कि बंगाल कैडर के सिविल सेवा अधिकारियों की सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी.
आज मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक तरह से अपने मन की बात कहते हुए इस बात की आवश्यकता पर बल दिया कि अगर राज्य में जिलों की संख्या बढ़ाई जाती है तो इसका जनता को अधिक से अधिक लाभ होगा. केवल सामान्य लोगों को ही नहीं बल्कि बंगाल कैडर के सिविल सेवा अधिकारियों को भी शासन प्रशासन का लाभ मिलेगा. प्रशासनिक कार्यों में तेजी आएगी. उन्होंने कहा कि जिला बनने पर इंफ्रास्ट्रक्चर का भी विकास होगा. मुख्यमंत्री ने माना कि अवसर तथा बुनियादी ढांचे की कमी के चलते अधिकारियों की पदोन्नति नहीं हो पा रही है. अगर जिला बढ़ाया जाता है तो अधिकारियों को अवसर मिलेगा.
उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य में 27 जिले है लेकिन भविष्य में 46 जिले हो सकते हैं.अब अगर सिलीगुड़ी की बात करें तो सिलीगुड़ी को काफी समय से अलग जिला बनाने की मांग की जा रही है. अगर सिलीगुड़ी को जिला बनाया जाता है तो यहां इंफ्रास्ट्रक्चर भी बढ़ेगा और प्रशासनिक कार्यों में और तेजी आएगी. हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि सिलीगुड़ी मुख्यमंत्री के संभावित जिलों की सूची में शामिल है या नहीं परंतु जानकारों का मानना है कि अगर मुख्यमंत्री भविष्य में राज्य में काफी संख्या में जिले बनाने की घोषणा करती हैं तो उसमें सिलीगुड़ी भी शामिल हो सकता है.क्योंकि सिलीगुड़ी उत्तर बंगाल का एक महत्वपूर्ण शहर है और कोलकाता के बाद यह दूसरे नंबर का शहर माना जाता है.
मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद सिलीगुड़ी के लोगों की उत्सुकता बढ़ गई है. इसके साथ ही सिलीगुड़ी को जिला बनाने का समर्थन करने वाले अनेक संगठनों की उम्मीद और खुशी भी बढ़ गई है. उन्हें लगता है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सिलीगुड़ी को दार्जिलिंग से पृथक जिला बनाने की घोषणा कर सकती हैं. सिलीगुड़ी के लोग मुख्यमंत्री के आज के उदगार के बाद कहीं ना कहीं काफी खुश हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले समय में सिलीगुड़ी को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक बड़ी घोषणा कर सकती हैं. फिलहाल इसे लेकर सिलीगुड़ी वासियों की उत्सुकता बनी हुई है. अब देखना है कि क्या सचमुच सिलीगुड़ी के दिन फिरने जा रहे हैं?