सिलीगुड़ी समेत पूरे प्रदेश और देश में आज हर्षोल्लास के साथ सरस्वती पूजा और बसंत पंचमी मनाई जा रही है. आज से रंगोत्सव का आगाज हो रहा है. घर-घर में विद्या की देवी सरस्वती की पूजा हो रही है. शहर के लगभग सभी प्रतिष्ठानों में कर्मचारियों और मालिकों के द्वारा मां सरस्वती की पूजा अर्चना की गई और खिचड़ी प्रसाद का वितरण किया गया. खबर समय के दफ्तर में भी मां सरस्वती की पूजा अर्चना की गई. इस कार्यक्रम में खबर समय टीम के सभी कर्मचारियों और प्रबंधन पक्ष ने भाग लिया.
आज सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट क्लब का सिल्वर जुबली भी है. सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट क्लब में धूमधाम के साथ सरस्वती पूजा का आयोजन किया जा रहा है. आज शाम को वहां विशेष कार्यक्रम का आयोजन है. शहर के साथ-साथ बस्ती क्षेत्रों में भी धूमधाम से सरस्वती पूजा और बसंत पंचमी मनाए जाने की सूचना है. सिलीगुड़ी के तीन बत्ती, जलपाई मोर, एसएफ रोड, खाल पारा ,गंगानगर ,झंकार मोर, सिलीगुड़ी जंक्शन ,एनजेपी इलाका ,साउथ कॉलोनी, चंपासाड़ी, गुरुंग बस्ती ,प्रधान नगर ,शालूगाड़ा आदि इलाकों में धूमधाम से सरस्वती पूजा मनाई जा रही है.
कोरोना के बाद पहली पूजा है, जो धूमधाम से मनाई जा रही है. इससे पहले दुर्गा पूजा से लेकर लक्ष्मी पूजा तक में उस कदर की रौनक नहीं दिखी, जो आज दिख रही है. आज से प्रकृति में एक नया बदलाव हो रहा है. जिसको बसंतोत्सव का नाम दिया गया है. बसंत ऋतु के आगमन के साथ ही प्रकृति में अभिनव रस घुलने लगता है.अगर इसका दीदार करना हो तो आप गांव में सरसों के खेत और खलिहानो में जा देख सकते हैं. जहां अलसाई सुबह और सुबह की नन्ही नन्ही बुंदे सरसों के पीले फूल पर मौसम की नई फिजा का एहसास कराती हैं. प्रकृति में जो बदलाव, जो श्रृंगार और इसके कारण जो कुदरती एहसास होता है, उससे मन मयूर खिलने लगता है.यही कारण है कि हमारे शास्त्रों में भी बसंत उत्सव का महत्व है.