March 29, 2024
Sevoke Road, Siliguri
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सिलीगुड़ी टाउन स्टेशन के दिन फिरने जा रहे!

सिलीगुड़ी शहर के वक्ष स्थल पर स्थित सिलीगुड़ी टाउन स्टेशन बरसों से उपेक्षा का द॔श झेल रहा है. इस स्टेशन के उत्थान के लिए समय-समय पर क्षेत्रीय स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक कई योजनाएं बनाई गई. परंतु शायद इस स्टेशन को शाप लग चुका है. इसलिए योजनाएं परवान चढने से पहले ही टांय टांय फीस हो जाती है. दार्जिलिंग के भाजपा सांसद और भारतीय जनता पार्टी के मुखर प्रवक्ता राजू बिष्ट ने एक बार फिर से सिलीगुड़ी टाउन स्टेशन का मुद्दा उठाकर इसे चर्चा का विषय बना दिया है.

सांसद राजू बिष्ट ने कहा है कि भारत सरकार की अमृत रेल परियोजना के अंतर्गत सिलीगुड़ी टाउन स्टेशन को मान्यता दे दी गई है. यहां एक प्लेटफार्म का निर्माण कराया जा रहा है. जल्द ही इसका कायाकल्प सिलीगुड़ीवासियों को देखने को मिलेगा. सिलीगुड़ी के लोगों को हो सकता है कि इस पर भरोसा ना हो. क्योंकि वर्तमान में सिलीगुड़ी टाउन रेलवे स्टेशन असामाजिक तत्वों और बदमाशों का अड्डा बना हुआ है. ऐसे में रेल विभाग ऐसा क्या चमत्कार करने जा रहा है, जिसकी बात सांसद राजू बिष्ट कर रहे हैं.

भारत सरकार की अमृत रेल परियोजना देश के महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशनों की एक सूची तैयार कर रहा है, जिसके अंतर्गत हर उस रेलवे स्टेशन का कायाकल्प किया जाएगा, जो ऐतिहासिक,सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व के केंद्र बिंदु में है. इसमें कोई शक नहीं कि सिलीगुड़ी टाउन रेलवे स्टेशन का ऐतिहासिक महत्व है. 1880 में सिलीगुड़ी टाउन रेलवे स्टेशन प्रकाश में आया था. तब कोलकाता से मीटर गेज से सिलीगुड़ी जुड़ा था.

कोलकाता भारत की आर्थिक राजधानी हुआ करती थी. अंग्रेजी साम्राज्य के अधिकारी कोलकाता से अक्सर सिलीगुड़ी आते थे और सिलीगुड़ी से दार्जिलिंग छुट्टियां बिताने जाया करते थे. अंग्रेजों ने अपनी सुविधा के हिसाब से ही कोलकाता से सिलीगुड़ी और फिर सिलीगुड़ी से दार्जिलिंग तक रेल लाइन बिछाई थी. उस काल में एकमात्र सिलीगुड़ी टाउन स्टेशन ही होता था. बाद में 1949 में सिलीगुड़ी जंक्शन रेलवे स्टेशन और 1961 में न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन अस्तित्व में आया.

सिलीगुड़ी टाउन रेलवे स्टेशन इस बात का भी गवाह है कि यहां महात्मा गांधी से लेकर गुरुदेव रविंद्र नाथ ठाकुर और बाघाजतिन तक के कदम पड़ चुके हैं. यही कारण है कि समय-समय पर सिलीगुड़ी टाउन रेलवे स्टेशन को हेरिटेज का दर्जा देने की मांग उठाई जाती रही है. सर्वप्रथम ममता बनर्जी ने सिलीगुड़ी टाउन रेलवे स्टेशन को हेरिटेज स्टेशन का दर्जा देने की घोषणा की थी. यह 2009-10 की बात है. तब ममता बनर्जी केंद्र में रेलवे मंत्री थी. परंतु किन्हीं कारणो से बात आगे नहीं बढ़ सकी.

इसके बाद वर्ष 2016 में सिलीगुड़ी नगर निगम के तत्कालीन मेयर अशोक भट्टाचार्य ने सिलीगुड़ी टाउन रेलवे स्टेशन को हेरिटेज स्टेशन के रूप में मान्यता देने को लेकर रेल मंत्री को एक ज्ञापन सोपा था. उस समय रेल मंत्री सुरेश प्रभु थे. रेल मंत्री ने तुरंत एनएफ रेलवे के अधिकारियों को इस मामले को देखने को कहा था. इसके अलावा सामाजिक संगठनों की ओर से समय-समय पर सिलीगुड़ी टाउन स्टेशन को हेरिटेज स्टेशन का दर्जा देने की मांग की जाती रही है. हिमालयन नेचर एंड एडवेंचर फाउंडेशन ऑफ़ नॉर्थ बेंगल से लेकर कई संगठन इस फेहरिस्त में शामिल है.

आपको याद होगा कि कुछ समय पहले सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव ने भी यह मांग दोहराई थी और कहा था कि अगर रेलवे सिलीगुड़ी टाउन रेलवे स्टेशन को राज्य और उनके हवाले करता है तो इसे हेरिटेज का दर्जा देकर कायाकल्प किया जाएगा.

हालांकि सांसद राजू बिष्ट ने अपने बयान में सिलीगुड़ी टाउन रेलवे स्टेशन को हेरिटेज स्टेशन के रूप में संबोधित किया है, पर सच यह है कि आधिकारिक रूप से सिलीगुड़ी टाउन रेलवे स्टेशन को हेरिटेज स्टेशन का दर्जा अब तक दिया नहीं जा सका है. परंतु जिस विश्वास के साथ सांसद राजू बिष्ट ने सिलीगुड़ी टाउन रेलवे स्टेशन को अमृत योजना के अंतर्गत अनुमोदन और कायाकल्प की बात की है, उससे यह कयास लगाया जा सकता है कि आने वाले कुछ महीनो में इस प्राचीन रेलवे स्टेशन को हेरिटेज स्टेशन के रूप में घोषित किया जा सकता है. न केवल हेरिटेज स्टेशन के रूप में ही इसे घोषित किया जाएगा बल्कि सिलीगुड़ी टाउन रेलवे स्टेशन का लुक भी बदलेगा. जो भी हो,इतना तो तय है कि आने वाले कुछ महीनो में सिलीगुड़ी टाउन रेलवे स्टेशन का लुक बदल जाएगा!

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