26 फरवरी को अखिल भारतीय स्तर पर कनफेडरेशन ऑफ इंडियन ट्रेडर्स ने व्यापार बंद का आह्वान किया है. इसमें सभी व्यापारिक संगठनों के लोग धीरे धीरे शामिल हो रहे हैं. सिलीगुड़ी में भी भारत व्यापार बंद का पालन किया जाएगा. इसका संकेत ईस्टर्न एबीसी चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज की ओर से मिल गया है. ट्रांसपोर्टर्स भी इस बंद का हिस्सा बन रहे हैं.ट्रांसपोर्ट व्यापारियों की अपनी अलग समस्याएं हैं. वे भी उस दिन सुबह 6:00 बजे से चक्का जाम करेंगे और भारत व्यापार बंद में शामिल होंगे.
छोटे और मध्यम व्यापारियों की कई मांगे हैं. उनमें जीएसटी की जटिलता को सरल बनाने की मांग प्रमुख है. देश में 40 करोड़ व्यवसायी विभिन्न व्यवसायों से जुड़े हैं.उनमें से अकेले डेढ़ लाख मध्यम और छोटे व्यापारी उत्तर बंगाल से आते हैं. 26 को वे भी अपना कारोबार बंद रखेंगे.
इन व्यापारियों की व्यथा यह है कि केंद्र सरकार बड़े व्यापारियों की तुलना में उन्हें कम सुविधाएं पहुंचा रही है. छोटे व्यापारियों के पास संसाधनों की कमी है. ऐसे में बड़े व्यापारियों और छोटे व्यापारियों को एक तराजू में तोलना उचित नहीं है. छोटे व्यवसायियों को इसी बात से नाराजगी है और इसीलिए वे व्यापार बंद में शामिल हो रहे हैं. छोटे व्यापारियों का कहना है कि केंद्र सरकार उनका शोषण कर रही है. बड़े व्यापारियों की कैटेगरी में छोटे व्यापारियों को रखना कहां का इंसाफ है. वास्तव में यह सब जीएसटी को लेकर हो रहा है.
केंद्र सरकार ने जुलाई 2017 में जीएसटी को देशभर में लागू किया. लेकिन उसकी रूपरेखा को लेकर व्यवसायियों में नाराजगी है. सरकार ने जीएसटी की दर दोनों किस्मों के व्यवसायियों में एक समान रखी है. व्यवसाई इसी का विरोध कर रहे हैं. यह अनुचित भी है.
26 तारीख को सिलीगुड़ी समेत उत्तर बंगाल में होने वाले व्यापार बंद में कई व्यापारिक संगठन शामिल हो रहे हैं तो कुछ व्यापारिक संगठन इससे स्वयं को अलग कर रहे हैं. रेगुलेटेड मार्केट में भारत व्यापार बंद का पालन नहीं किया जाएगा. रेगुलेटेड मार्केट आलू प्याज मर्चेंट एसोसिएशन के सचिव रामअवतार प्रसाद ने बताया है. उनका काम कच्चे माल का है. उसे ज्यादा समय तक रोक कर रखा नहीं जा सकता. इसलिए 26 तारीख को रेगुलेटेड मार्केट बंद नहीं होगा.
सिलीगुड़ी और उत्तर बंगाल के विभिन्न व्यापारिक संगठनों के लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. उन सभी से बातचीत के बाद जीएसटी की तकलीफ साफ दिख रही है. व्यापारियों का कहना है कि उन्हें काम में सुविधा चाहिए. काम में सरलता चाहिए ना कि जटिलता. सिलीगुड़ी के व्यापारी इंस्पेक्टर राज के खिलाफ हैं. उन्हें लगता है कि केंद्र सरकार उन्हें इंस्पेक्टर राज में धकेल रही है.वे जीएसटी के प्रावधान को अनुकूल बनाने की मांग कर रहे हैं. मालूम हो कि छोटे और मध्यम व्यापारियों का संगठन पिछले सोमवार को ही सरकार से बात कर चुका है.लेकिन इस बैठक में कोई हल नहीं निकल सका. इसके बाद 26 फरवरी को पूरे भारत में व्यापार बंद का आह्वान किया गया है.