कोलकाता: इसी महीने के अंतिम सप्ताह से शुरू हो रहे जापान में टोक्यो ओलंपिक पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हुई हैं। भारत से भी कई खिलाड़ी इसमें हिस्सा लेंगे जिनमें बंगाल के पांच खिलाड़ियों पर राज्य की निगाहें टिकी हुई हैं। इनमें भी बेहद खास हैं तीरंदाज अतनु दास और दीपिका कुमारी की जोड़ी। दोनों पति पत्नी हैं और पिछले साल कोविड-19 संकट के समय ही शादी की थी। मूल रूप से झारखंड के रांची की जन्मी और पली-बढ़ी दीपिका तीरंदाजी में पूरी दुनिया में अपना परचम लहरा चुकी हैं। वह तीन बार ओलंपिक में भाग ले चुकी हैं। परिवार की नाराजगी मोल लेकर भी उन्होंने अतनू से शादी की है। अब टोक्यो ओलंपिक में दोनों ने हिस्सा लिया है।
बंगाल ओलंपिक एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट चंदन राय चौधरी ने बताया कि बंगाल से ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों की मदद के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखा गया है। खिलाड़ियों का प्रदर्शन हमेशा ही बेहतर रहा है जिसकी वजह से इस बार भारत को स्वर्ण पदक मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। चंदन ने बताया कि दीपिका और अतनु से ओलिंपिक में रिकर्व राउंड में मेडल की उम्मीद है। ये दोनों अलग-अलग इंडिविजुअल और टीम इवेंट में भाग लेने के अलावा एक साथ मिक्स्ड इवेंट में भी मेडल के लिए तीरंदाजी करेंगे। दीपिका और अतनु की शादी पिछले साल 30 जून को हुई थी। हालांकि साल 2018 में दीपिका कुमारी और अतनु दास ने शादी का फैसला किया और सगाई कर ली थी। दोनों अलग-अलग जाति के हैं, इस कारण शादी की राह में रोड़े भी उत्पन्न हुए। मूल रूप से पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के बराहनगर में जन्मे अतनु दास के परिजनों को कोई आपत्ति नहीं थी, लेकिन शुरू में दीपिका के परिवार वाले मानने को तैयार नहीं थे। बाद में दीपिका अपने घर वालों को मनाने में सफल रही। 27 वर्षीय दीपिका तीरंदाजी में कई दिग्गज खिलाड़ियों को मात दे चुकी हैं। टोक्यो ओलिंपिक से पहले पेरिस में हुए वर्ल्डकप स्टेज-3 में दोनों ने शादी के बाद पहली बार एक साथ मिक्स्ड इवेंट में भाग लेते हुए गोल्ड मेडल जीता था। वहीं दोनों ने 2019 में एशियन कॉन्टिनेंटल क्वालिफिकेशन टूर्नामेंट रिकर्व मिक्स्ड टीम में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई किया था। दीपिका तीसरी बार ओलिंपिक में भाग ले रही हैं, जबकि 29 वर्षीय अतनु दास दूसरी बार ओलिंपिक में भाग ले रहे हैं। चंदन राय चौधरी ने बताया है कि केंद्र और राज्य सरकारों से खिलाड़ियों को अगर बेहतर मदद मिले तो प्रदर्शन और बेहतर हो सकता है।