कोलकाता: भारतीय जनता पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने गुरुवार को कहा है कि जैसे ही राज्य में भाजपा की सरकार बनेगी उसके तुरंत बाद राज्यभर में पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ जो भी मुकदमे दर्ज किए गए हैं उन्हें खत्म किया जाएगा। राजारहाट गोपालपुर के बटतला इलाके में चाय पर चर्चा कार्यक्रम में शामिल हुए थे। घोष कुछ दिन पहले ही कोरोना पॉजिटिव हुए थे और स्वस्थ हो गए हैं इसलिए गुरुवार को जब वह चाय पर चर्चा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे तो बागुईहाटी के जर्दाबागान से घोड़ा गाड़ी पर बैठकर बैंड पार्टी के साथ शोभा यात्रा के जरिए पहुंचे। विजया सम्मेलन के लिए सैकड़ों की संख्या में पार्टी कार्यकर्ता एकत्रित हुए थे जिनके बीच लड्डू का वितरण भी किया गया। इस दौरान राज्य प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करते हुए दिलीप घोष ने कहा कि दुर्गा पूजा के दौरान भारतीय जनता पार्टी के तीन से चार कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है। बंगाल में हर जगह सिर्फ हिंसा की राजनीति हो रही है। बंगाल के लोग नौकरी पेशा की तलाश में दूसरे राज्य में जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मई महीने में जब भाजपा की सरकार बनेगी तो कार्यकर्ताओं के खिलाफ दाखिल किए गए मुकदमे वापस लिए जाएंगे। राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर पर हमला बोलते हुए दिलीप घोष ने कहा कि राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता नौकर बन गए हैं और सारा काम प्रशांत किशोर की टीम कर रही है। उन्होंने कहा कि 2 दिनों के दौरान भारतीय जनता पार्टी के दो कार्यकर्ताओं की हत्या की गई हैं और प्रशासन ने उन्हें कोरोना पॉजिटिव बताकर पल्ला झाड़ने की कोशिश की है।
माओवादी नेता छत्रधर महतो के राजनीतिक इस्तेमाल का आरोप माओवादी नेता छत्रधर महतो के राजनीतिक इस्तेमाल का आरोप ममता बनर्जी पर लगाते हुए दिलीप घोष ने कहा कि जब जरूरत नहीं थी तब छत्रधर महतो को ममता सरकार ने जेल में रखा और आज जब राजनीतिक तौर पर उनकी जरूरत पड़ी है तो उनका इस्तेमाल करने के लिए पैरोल पर बाहर निकाला गया है। विमल गुरुंग को लेकर भी ममता बनर्जी को घेरा
इस दौरान भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सहयोगी और गोर्खा जनमुक्ति मोर्चा के संस्थापक सदस्यों में से एक विमल गुरुंग को लेकर भी दिलीप घोष ने ममता बनर्जी की मंशा पर सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि देशद्रोह की धाराओं के तहत आरोपित विमल गुरुंग को बंगाल पुलिस 3 सालों से खोज रही थी लेकिन वह सॉल्टलेक के गोर्खा भवन के सामने आधे घंटे तक खड़े रहे। जिसे राज्य प्रशासन ढूंढ नहीं पाई वह लगातार कोलकाता में घूमते रहे और किसी ने उन्हें छुआ तक नहीं क्योंकि उन पर ममता बनर्जी की कृपा हो गई थी। आखिर जितना भ्रष्टाचार बंगाल प्रशासन में है, उतना कहीं नहीं है। इसलिए इस सरकार से बंगाल को मुक्त करने की जरूरत है।