यह कहा जाता है कि सिक्किम साफ सफाई और अनुशासन के मामले में देश के दूसरे राज्यों से सबसे आगे है. उसी तरह से नियमों का पालन करने और करवाने के मामले में भी सिक्किम अव्वल नंबर पर है. सिक्किम में कोरोना के मामलों में वृद्धि हो रही है. इसको देखते हुए सिक्किम सरकार ने राज्य में बाहरी वालों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है. वह चाहे दार्जिलिंग, कालिमपोंग आदि क्षेत्र के लोग ही क्यों ना हो.
सिक्किम सरकार के प्रोटोकॉल के अनुसार ऐसे लोग वहां प्रवेश नहीं कर सकते, जो राज्य के नागरिक नहीं हैं.राज्य में नियम और कानून का पालन किस सख्ती के साथ हो रहा है, इसका प्रमाण है कालिमपोंग के कुछ दूधिये, जो सिक्किम में दूध की आपूर्ति करते हैं यानी दूध की बिक्री करते हैं. पर उन्हें भी इस समय प्रवेश करने नहीं दिया जा रहा है.
सिक्किम में बुधवार को कोरोना के 427 नए मामले सामने आए.इससे पहले राज्य में कोरोना संक्रमण के 374 नए मामले सामने आए थे. एक दिन में ही 50 से अधिक मामलों की वृद्धि हुई है. सरकार कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण पाने के लिए सभी तरह के उपाय कर रही है. इनमें कोविड-19 उपयुक्त व्यवहार के साथ-साथ केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग के सभी गाइडलाइंस का पालन किया जा रहा है. अब तो राज्य से बाहर के पड़ोसी शहरों से भी दूध बिक्री करने वालों को सिक्किम में घुसने नहीं दिया जा रहा है. आरोप है कि कालिमपोंग जिले के निकट के एक बस्ती से सिक्किम दूध बेचने के लिए जाने वाले को सिक्किम के रंगपो सीमा से लौटा दिया गया.
हालांकि दूध एक एसेंशियल वस्तु है और यह प्रतिबंध से मुक्त है. फिर भी सिक्किम सरकार ने राज्य में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए बाहर के दूधिये के प्रवेश पर भी रोक लगा दी है. मिल रही जानकारी के अनुसार डेयरी किसानों ने सरकार के इस तरह के प्रतिबंध पर दुख व्यक्त किया है और उल्टे सवाल किया है कि एक तरफ बाहरी को सिक्किम में दूध बेचने से रोका जा रहा है तो दूसरी ओर सिक्किम के दूधिये राज्य से बाहर जाकर दूध बेच रहे हैं. ऐसे में नियम तो उन पर भी लागू किया जाना चाहिए.केवल उन पर ही कानून क्यों लागू होगा. हालांकि यह दूधियो का आरोप है.