वह दिन दूर नहीं, जब सिलीगुड़ी महकमा की गृहिणी रसोई गैस सिलेंडर की जगह पाईपलाइन के जरिए गैस प्राप्त कर सकेंगी. अभी यह सुविधा देश के कुछ महानगरों को प्राप्त है. सिलीगुड़ी महकमा समेत पूरा उत्तर बंगाल जल्द ही इस दायरे में आने वाला है. बहुत तेजी से कार्य चल रहा है. उत्तर बंगाल में जलपाईगुड़ी पहला जिला होगा,जहां जल्द ही गेल के द्वारा टारगेट पूरा कर लिया जाएगा. दार्जिलिंग समेत पूरे उत्तर बंगाल में रसोई गैस की पाईपलाइन बिछाने का काम जल्द ही पूरा होने वाला है. गेल के द्वारा भरोसा दिया जा रहा है.रसोई गैस की पाइप लाइन बिछाने का काम गेल द्वारा किया जा रहा है.
जानकारी मिली है कि जुलाई तक गेल जलपाईगुड़ी जिले में पाईप लाइन बिछाने का काम पूरा कर लेगा. अभी तक जलपाईगुड़ी जिले में राजगंज, मैनागुड़ी, जलपाईगुड़ी सदर ब्लॉक के कई पंचायत इलाके तथा नगरपालिका इलाकों में पाईप लाइन बिछाने का का काम जोरों से चल रहा है और जुलाई तक इसे पूरा कर लेने की बात कही जा रही है.
सिलीगुड़ी महकमा में कई इलाके जलपाईगुड़ी जिले के अंतर्गत आते हैं. वहां भी यह कार्य चल रहा है. अभी तक गेल के द्वारा सिलीगुड़ी महकमा समेत पूरे उत्तर बंगाल में कितना कार्य हुआ है, यह भी जान लेते हैं. दार्जिलिंग जिले के सिलीगुड़ी महकमा में 23 किलोमीटर रसोई गैस की पाईपलाइन बिछाने का काम पूरा हो चुका है. जलपाईगुड़ी जिले में 62 किलोमीटर, अलीपुरद्वार जिले में 3.7 किलोमीटर तथा सबसे अधिक कूचबिहार जिले में 92.12 किलोमीटर रसोई गैस की पाईप लाइन बिछाने का काम पूरा हो चुका है.
उत्तर दिनाजपुर जिले में रसोई गैस की पाईपलाइन बिछाने का काम धीमी गति से चल रहा है.अभी तक वहां 7 किलोमीटर ही पाईपलाइन बिछाया जा चुका है. जहां-जहां धीमी गति से कार्य हो रहा है, उसका कारण जमीन मालिकों द्वारा गेल के कार्य में बाधा उत्पन्न करना है. यह कहना है गेल के उत्तर बंगाल के जनरल मैनेजर राजीव का. गेल के द्वारा जमीन मालिकों तथा किसानों को आश्वासन दिया जा रहा है कि जिन किसानों की जमीन के भीतर गैस की पाईप लाइन डाला जा रहा है, उन्हें फसलों का उचित मुआवजा भी दिया जा रहा है. गेल किसानों की जमीन नहीं ले रहा.
गेल का साफ कहना है कि किसान पाईप लाइन बिछाने का काम पूरा होने के बाद भी अपनी जमीन पर खेती कर सकेंगे. परंतु उस पर कोई निर्माण कार्य नहीं हो सकता.यहां तक कि नलकूप के लिए बोरिंग भी नहीं होगी. दूसरी तरफ किसानों का कहना है कि अगर उनकी जमीन में रसोई गैस की पाईपलाइन बिछाने का काम किया जाता है, ऐसे में उनकी पूरी जमीन किसी काम की नहीं रह जाएगी. केवल फसलों के सहारे उनकी जिंदगी नहीं चलेगी. अगर भविष्य में उन्हें अपनी जमीन पर कुछ निर्माण कार्य करना है तो वे किस तरह से अपनी जमीन पर निर्माण कर सकेंगे.
देखा जाए तो उत्तर बंगाल के कुछ इलाकों में इस तरह की चुनौती का सामना गेल को करना पड़ रहा है,जिसके समाधान के लिए गेल उच्च प्रशासनिक अधिकारियों से हस्तक्षेप की गुहार लगा रहा है. प्रशासनिक अधिकारी गेल को आश्वासन दे रहे हैं कि जल्द ही समस्या का समाधान कर लिया जाएगा. अगर समय रहते प्रशासनिक स्तर पर समस्या का समाधान हो पाता है तो जल्द ही उत्तर बंगाल में गेल द्वारा गैस पाईप लाइन बिछाने का काम पूरा हो जाएगा. इसके बाद रसोई गैस पाईप लाइन के जरिए लोगों को मिलने लग जाएगी. जरा सोचिए तब सिलीगुड़ी समेत पूरे उत्तर बंगाल के लोगों का जीवन स्तर कितना ऊंचा हो जाएगा. अगर सब कुछ ठीक रहा तो बहुत जल्द यह सब देखने को मिल सकता है.