कोलकाता: बंगाल में ममता बनर्जी नित राज्य सरकार लगभग 53,149 ग्रामीण आशा कर्मियों को 51 करोड़ रुपये का “प्रदर्शन-आधारित प्रोत्साहन” (इंसेंटिव) देने का फैसला किया है। अप्रैल-जून की अवधि के लिए आशा कर्मियों को यह प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
गौर हो कि एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री ने आशा कर्मियों की सराहना की थी और बताया था कि 7 अप्रैल से 3 मई के बीच इन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा 5.57 करोड़ से अधिक घरेलू दौरे किए गए थे ताकि कोरोना के संभावित संक्रमण का पता लगाया जा सके। आशा कर्मियों की रिपोर्ट पर ही 375 लोगों को विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के साथ भर्ती कराया गया है। उनमें से 62 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आशा कार्यकर्ता राज्य के 332 ब्लॉकों में सर्वे कर चुके हैं। अकेले मुर्शिदाबाद जिले को लगभग 5.4 करोड़ रुपये इंसेमटिव दिए जाएंगे, जिसमें 26 प्रशासनिक ब्लॉकों में 5,000 से अधिक आशा कर्मी हैं।
हुगली, नादिया, पश्चिम मिदनापुर और पश्चिम बर्दवान में भी प्रत्येक में 3,000 से अधिक आशा कार्यकर्ता हैं। सूत्रों ने कहा कि यह राशि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन बंगाल के लिए आवंटित की गई है।
मान्यताप्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता या आशा कार्यकर्ता, जो राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत कार्य करते हैं, को समुदाय और सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली के बीच अहम कड़ी बनाने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। उनमें से प्रत्येक मुख्य रूप से एक साक्षर 25 से 45 वर्ष की आयु की ग्रामीण महिला हैं।