कूचबिहार: राज्य के उत्तर बंगाल विकास मंत्री रविंद्रनाथ घोष ने मंगलवार को भारत-बांग्लादेश सीमा से सटे कृष्णपुर चेंगमारी सदा सदागरपाड़ा इलाके में ऐतिहासिक मनसा पूजा का शुभ उद्घाटन किया। वर्षों से भारत – बांग्लादेश सीमा पर बसे इस ऐतिहासिक मंदिर में माँ मनसा की पूजा – अर्चना की जाती है। पूजा को लेकर काफी संख्या में दोनों देशों के लोग यहां जमा होते हैं। यहां के लोगों ने बताया कि वर्षों पहले भारत-बांग्लादेश दोनों देशों के लोग मिलकर भव्य तरीके से इस पूजा का आयोजन करते थे लेकिन वर्तमान में सुरक्षा कारणों से बांग्लादेश के लोग यहाँ पूजा में शामिल नहीं हो पाते हैं। हालाँकि वे लोग सीमा पार से ही पूजा का आनंद उठाते हैं। हर साल पूर्णिमा के दिन आयोजित होने वाली इस पूजा के दौरान इलाके में चारो ओर भक्ति भाव का माहौल रहता है। ऐसा माना जाता है, कि चांद सौदागर व्यापार करने के लिए 7 नाव लेकर नदी के रास्ते बांग्लादेश के लिए रवाना हुए थे। बीच रास्ते में एक नाव यहां डूब गया। बाद में स्थानीय लोगों ने उसे देखा और उसके बाद उसके स्मरण में यह माँ मनसा की पूजा शुरू हुई। उद्घाटन समारोह में मंत्री रविंद्र नाथ घोष ने कहा कि यहां वर्षों से मनसा पूजा का आयोजन होता रहा है, उन्होंने कहा कि वर्तमान में यहां मां मनसा की भव्य मंदिर का निर्माण किया गया है। राजस्थान से पत्थर की माँ मनसा की एक का मूर्ति यहां स्थापित की गई है,इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 12- 15 वर्ष पहले भारत – बांग्लादेश दोनों देशों के लोग एक साथ मिलकर पूजा का आयोजन करते थे लेकिन सुरक्षा कारणों से अब यह संभव नहीं हो पा रहा है। हालांकि उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के लोग सीमा पार से ही पूजा का आनंद लेते हैं, पूजा की समाप्ति के बाद मां मनसा का प्रसाद दोनों देशों के लोगों को वितरित किया जाता है।