सिलीगुड़ी महकुमा परिषद के चुनाव के लिए सभी दलों की ओर से धुआंधार चुनाव प्रचार चल रहा है. हालांकि मौसम की भी मार चल रही है. लगातार बरसात और रास्ता खराब होने के बावजूद भी पार्टियां चुनाव प्रचार कर रही है. खराब रास्ते को विपक्षी पार्टियां एक मुद्दा बना रही है तो वहीं तृणमूल कांग्रेस अपनी जीत के प्रति पूरी तरह आशान्वित दिख रही है.
26 तारीख को चुनाव है.उस दिन ग्राम पंचायत, पंचायत समिति तथा महकुमा परिषद की 9 सीटों के लिए चुनाव होगा. चुनाव प्रचार में तृणमूल कांग्रेस, वाममोर्चा, कांग्रेस तथा भाजपा ने अपनी ताकत झोंक दी है. इन सबके बीच हर किसी की जुबान पर यही है कि इस बार सिलीगुड़ी महकुमा परिषद बोर्ड पर कौन लहराएगा अपना झंडा. तृणमूल कांग्रेस, वाम मोर्चा या फिर भाजपा…
सभी पार्टियां अपनी-अपनी जीत के दावे कर रही हैं. वाममोर्चा तो काफी उत्साहित है क्योंकि 2015 तक महकमा परिषद पर वाममोर्चा का ही कब्जा था. उस समय सिलीगुड़ी नगर निगम में भी वाममोर्चा का कब्जा था. परंतु अब राजनीतिक हालात बदल चुके हैं. सिलीगुड़ी नगर निगम बोर्ड पर तृणमूल कांग्रेस का कब्जा है. इसलिए कई लोगों का यह मानना है कि नगर निगम पर जिस पार्टी का कब्जा रहता है ,वही पार्टी महकुमा परिषद के बोर्ड पर भी अपना अधिकार जमाने में सफल रहती है.
तृणमूल कांग्रेस शुरू से ही दावे कर रही है कि सिलीगुड़ी महकुमा परिषद के चुनाव में उनकी पार्टी ही जीत रही है. इस बीच महकमा परिषद की सभी 9 सीटों के लिए हलचल बढ़ गई है.तृणमूल कांग्रेस के कुछ विद्रोही उम्मीदवार भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. ऐसे में वाममोर्चा तथा दूसरी पार्टियों को लगता है कि वहां उन्हें लाभ मिलेगा. परंतु तृणमूल कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि जिन उम्मीदवारों ने पार्टी लाइन से हटकर चुनाव लड़ा है,उन्हें पार्टी ने दल से निकाल दिया है. और चुनाव में दल महत्वपूर्ण है ना कि उम्मीदवार. इसलिए जनता सिर्फ तृणमूल कांग्रेस को ही अपना वोट देगी.
स्थानीय लोगों का भी मानना है कि तृणमूल कांग्रेस का उम्मीदवार चाहे जो भी हो, परंतु पार्टी सबसे ऊपर है और जनता पार्टी को ही देख कर अपना वोट करना चाहेगी. इस चुनाव में कुछ निर्दलीय भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इन निर्दलीय उम्मीदवारों का आरोप है कि तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार उन्हें परेशान कर रहे हैं. निर्दलीय प्रार्थी मोहम्मद अख्तर अली ने तृणमूल कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि पार्टी अराजकता खड़ी कर रही है. मोहम्मद अख्तर अली का चुनाव चिन्ह ट्रैक्टर है. तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार ने उनके चुनाव चिन्ह झंडे को दीवार से निकाल कर फेंक दिया है.
सिलीगुड़ी महकुमा परिषद का एक क्षेत्र है फांसी देवा. यहां चाय बागान के ज्यादातर वोटर हैं. वाममोर्चा को लगता है कि चाय बागान के वोटर तृणमूल कांग्रेस को वोट नहीं करेंगे. इसी तरह से भाजपा को भी लगता है कि चाय बागान के आदिवासी वोट उन्हें ही मिलेंगे. जबकि तृणमूल कांग्रेस भी आदिवासियों का वोट हासिल करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा चुकी है. लेकिन यह सब 29 जून को ही स्पष्ट हो सकेगा. अब देखना होगा कि सिलीगुड़ी महकुमा परिषद के चुनाव में किसकी होती है जीत.