आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह को आज झटका दे ही दिया. सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह से संबंधित नौ कंपनियों की जांच पर अंतरिम राहत देने और जांच पर रोक लगाने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को रोक दिया तथा उक्त नौ कंपनियों के खिलाफ एसएफआइओ की लड़ाई को मजबूती प्रदान की है. अदालत ने सहारा की एस एफ आई ओ और जांच पर रोक संबंधित याचिका को अनुमति देकर उन सभी निवेशकों के चेहरे पर उम्मीद की रोशनी ला दी है जो अपने पैसे की वापसी की बाट देख रहे हैं.
आज सुप्रीम कोर्ट जांच एजेंसी सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑर्गेनाइजेशन की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें सहारा समूह की नो फर्मों को राहत देने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है. इससे पहले 17 मई को न्यायालय में एसएफआइओ की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से कहा था कि हाई कोर्ट ने सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय के खिलाफ जारी लुकआउट नोटिस समेत कार्रवाई पर रोक लगाने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट के इस आदेश पर रोक लगाने की जरूरत है. उन्होंने कहा था कि इस रोक की वजह से सहारा समूह की कंपनियों के खिलाफ चल रही जांच पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है.
आपको बताते चलें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने 13 दिसंबर 2021 को सहारा समूह की सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड तथा दूसरी कंपनियों के खिलाफ जांच की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी. हाईकोर्ट ने 31 अक्टूबर 2018 और 27 अक्टूबर 2020 के केंद्र सरकार के जांच के आदेश पर भी रोक लगा दी थी. एसएफआइओ ने हाई कोर्ट के इसी आदेश को आज सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने एस एस आई ओ के पक्ष में फैसला सुनाया है और दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट के आज के फैसले से निश्चित रूप से देश के लाखों निवेशकों के चेहरे पर खुशी लौट आई है. उन्हें लग रहा है कि अब अदालत से उन्हें इंसाफ मिलेगा. और सहारा समूह उनका पैसा लौटाएगा.
जब जब सहारा समूह और सहारा इंडिया की बात आती है, सहारा के निवेशकों की उत्तेजना और आक्रोश बढ़ जाता है. देश के लाखों लोगों ने सहारा समूह की विभिन्न कंपनियों में इन्वेस्ट किया था. आज वे उस मनहूस पल को कोस रहे है, जब उन्होंने सहारा में निवेश किया था. सहारा ने आज तक उनका पैसा नहीं लौटाया. सहारा के सताए सिलीगुड़ी और आसपास में भी अनेक लोग होंगे जो आज भी अपना लगाया पैसा वापस पाने की राह देख रहे हैं. यह मामला कोर्ट के अधीन चला गया है. कोर्ट है कि जल्दी फैसला नहीं कर रहा है.
इससे पहले पटना हाई कोर्ट से लोगों को एक आस बंधी थी परंतु वह टूट गई है. कानूनी पचड़े में मामला फंस गया है. कोर्ट में तारीख पर तारीख डाली जा रही है. निवेशक हैं कि बेसब्र होते जा रहे हैं. देशभर में सहारा के कार्यालय पर निवेशकों का धरना प्रदर्शन जारी है. सेबी सहारा के विवाद में अगर कोई मारा जा रहा है तो बेचारा निवेशक, जिसे समझ में नहीं आ रहा है कि वह करे तो क्या करे. सहारा कारोबार करना चाहता है लेकिन फिलहाल उसके कारोबार पर रोक लग चुकी है. जिन सहारा की नौ कंपनियों पर रोक लगी है, ज्यादातर निवेशकों का पैसा उन्हीं कंपनियों में फंसा है एसएफआइओ इन कंपनियों के खिलाफ जांच करना चाहती है, लेकिन सहारा इसका विरोध कर रहा है. आज सुप्रीम कोर्ट ने एसएफआइओ की याचिका को अनुमति देकर सहारा को जबरदस्त झटका दिया है और देश भर के लाखों निवेशकों को राहत दी है तथा उन्हें उम्मीद बंधाई है कि अभी उनका पैसा डूबा नहीं है.