जब हम मां के गर्भ में आते हैं तो सबसे पहला रिश्ता हमारा मां से बनता है और जब जन्म लेते हैं इसके साथ ही कई रिश्ते से हम से जुड़ जाते हैं | लेकिन एक रिश्ता ऐसा है जो हम खुद चुनते हैं | वों रिश्ता दिल से दिल का होता है जिसमें लड़कपन,पागलपन,मजाक, विश्वास और जो प्यार भरा होता है वो है दोस्ती का रिश्ता | जो देखा जाए तो एक ऐसा रिश्ता है जिसमें दो अनजाने लोग एक अनदेखी डोर में बांध जाते हैं | जिसे सिर्फ महसूस किया जा सकता है | दोस्ती शब्द को पूरा करने के लिए कृष्ण और सुदामा का नाम ही काफी है, जो युगों-युगों से दोस्ती की मिसाल बनी हुई है | आज भी दोस्ती के मिसाल के तौर पर कृष्ण और सुदामा का ही नाम लिया जाता है | जीवन जिस तरह बिन पानी सुन है उसी तरह इंसान दोस्ती बिना सुन है | जो कदम से कदम मिला कर चले, सुख-दुख में साथ रहे और जो बारिश के पानी में आंखों से बहते आंसू को पहचान लेता है वहीं तो सच्चा मित्र कहलाता है | आज फ्रेंडशिप डे है इसी अवसर पर आप सभी को बहुत सारी शुभकामनाएं |